सेट तीन, तीसरी पुस्तक, 157 पृष्ठ।
वाचमैन नी बाइबल से चार लेखांशों पर चर्चा करते हैं जो कलीसिया को दर्शाते हैं। इन समृद्ध प्रतिनिधित्वों के माध्यम से, हम देखते हैं कि कैसे परमेश्वर स्वर्गीय दृष्टि से कलीसिया को देखता है और कैसे कलीसिया के पास परमेश्वर के अनन्त उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक उच्च बुलाहट है।
परमेश्वर कलीसिया को, छुड़ाए हुए विश्वासियों को एक स्वर्गीय दृष्टिकोण से देखता है। उसको पाप और पापों की सामर्थ्य के द्वारा पराजय हुए के रूप में देखने के बदले, परमेश्वर कलीसिया को मसीह के महिमामय प्रतिरूप के रूप में देखता है। महिमामय कलीसिया में वाचमैन नी बाइबल में कलीसिया के चार महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्वों की चर्चा करते हैं: अध्याय 2 में हव्वा, इफिसियों 5 में पत्नी, प्रकाशितवाक्य 12 में स्त्री और प्रकाशितवाक्य 21 और 22 में दुल्हन। प्रत्येक उदाहरण में, वह परमेश्वर के अनन्त उद्देश्य को पूरा करने में कलीसिया की उच्च बुलाहट को प्रस्तुत करते हैं। हॉल ही में खोज निकाले गए हाथ से लिखे हुए नोट महिमामय कलीसिया के इस नए और ताजे अनुवाद को पूरक बनाते हैं, और सन् 1939 से सन् 1942 तक वाचमैन नी के द्वारा दिये गये संदेशों का एक सबसे पूर्ण अभिलेख बनाते हैं।